धर्मेंद्र के भाई को शूटिंग के दौरान उतारा गया था मौत के घाट, सरेआम उन पर की गई थी फायरिंग जाने पूरा मामला

धर्मेंद्र एक इसे अभिनेता है जिन्हें आजकल बच्चा-बच्चा जानता है आपको बता दें कि धर्मेंद्र का असली नाम धर्म देओल है और वह एक भारतीय अभिनेता निर्माता और राजनीतिज्ञ है वह अपनी हिंदी फिल्मों में काम करने के लिए खूब मशहूर है धर्मेंद्र को बॉलीवुड के हीमैन भी कहा जाता है धर्मेंद्र ने पिछले 5 दशकों से अपने करियर में 300 से भी ज्यादा फिल्मों में अपना योगदान दिया है और साथ ही में उन्हें 1997 में हिंदी सिनेमा में योगदान देने के लिए फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था वह भारत की 15वीं लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं भारतीय जनता पार्टी से राजस्थान में बीकानेर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया करते थे 2012 में भी उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित भी किया गया था।
आपको बता दें कि बीरेंद्र सिंह देओल और धर्मेंद्र एक दूसरे के चचेरे भाई थे लेकिन दोनों का रिश्ता काफी ज्यादा मजबूत है और दोनों में सगे भाइयों से भी ज्यादा प्यार देखने को मिलता था लेकिन वीरेंद्र की मृत्यु के दशकों के बाद उनके बेटे रणबीर ने अपने पिता पर एक फिल्म बनाई जो कि उनकी बायोपिक थी जिसमें धर्मेंद्र और बॉबी देवल दोनों देखने को मिले धर्मेंद्र की तरह वीरेंद्र सिंह देओल भी अपनी कला के दम पर फिल्म इंडस्ट्री में छा चुके थे वह पंजाबी सिनेमा के एक बहुत बड़े सुपरस्टार की लिस्ट में शामिल थे 80 के दशक में वीरेंद्र सिंह देवल ने अपनी फिल्म से सभी का दिल जीता था लेकिन जैसे-जैसे वीरेंद्र सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए वैसे उनके दुश्मन भी बढ़ते चले गए और उन्होंने पंजाब ही नहीं बल्कि हिंदी फिल्म बॉलीवुड में भी अपना हाथ आजमाया उन्होंने खेल मुकद्दर का और दो चेहरे जैसी फिल्में बनाई और यह दोनों फिल्में काफी ज्यादा सफल भी रही ।
वीरेंद्र ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1975 में धर्मेंद्र के साथ ही करी थी दोनों की फिल्म तेरी मेरी एक जिंदा में नजर आए थे बॉलीवुड में जहां धर्मेंद्र का सिक्का चलता था तो वहीं वीरेंद्र भी बॉलीवुड के दुनिया के सुपरस्टार बन चुके थे कहा जाता है कि उनकी कामयाबी ही उनके दुश्मन बन चुकी थी और लोग उनसे काफी ज्यादा जलने लग गए थे जब वीरेंद्र 6 दिसंबर 1981 को फिल्म जट्ट ते जमीन की शूटिंग कर रहे थे तो उसी शूटिंग के दौरान उनकी मौत हो गई थी हालांकि कहा जाता है कि वीरेंद्र को आतंकवादियों ने मारा था क्योंकि उस समय पंजाब में आतंकवादियों का कुछ ज्यादा ही असर देखने को मिलता था और उन दिनों फायरिंग की घटनाएं बहुत आम हो चुकी थी और वीरेंद्र सिंह को शूटिंग पर जाने के लिए भी मना किया गया था लेकिन फिर भी वह शूटिंग पर चले गए और कुछ अज्ञात बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी लेकिन इसके पीछे की सच्चाई क्या है इसका आज तक कोई भी पता नहीं कर पाया है।