करियर के शुरुआती दौर में मुनमुन दत्ता भी हुई है यौन शोषण का शिकार, बोलीं- उसने मेरी पेंट में डाल दिया था हाथ

बॉलीवुड डेस्क। टीवी इंडस्ट्री पर कई वर्षो से ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ करोड़ों लोगों का काफी मनोरंजन कर रहा है. और यह शो हर घर में पसंद किया जाने वाला शो में से एक है। तो वहीं अगर बात की जाए बच्चों की तो बच्चे तो इस शो के दिवाने हैं. और इसका यही कारण है की यह शो टीआरपी में हमेशा आगे रहता है। वही बात करते है इस शो की सबसे बेहतरीन किरदार बबीता जी यानी की मुनमुन दत्ता की तो वह इस शो की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली स्टार हैं, इनकी बोलने की स्टाइल इनका एक्टिंग दर्शकों का काफी ज्यादा पसंद आती है, मुनमुन दत्ता ने इस शो के जरिए करोड़ों लोगों के दिल में खास जगह बना ली है।
आपको बता दें की मुनमुन दत्ता का नाम टीवी इंडस्ट्री में उन अभिनेत्रियों में गिना जाता है जोकि सोशल मीडिया पर कुछ ज्यादा ही एक्टिव रहती हैं और अपने फैंस के लिए फोटोज और वीडियोज शेयर करती रहती है, मुनमुन दत्ता हमेशा ही अपने फैंस के बीच सुर्खियों में बनी रहती है जिसका कारण है की वह अपने पर्शनल लाइफ से लेकर प्रोफेशनल लाइफ की सारी बाते अपने इंस्टाग्राम के जरिए अपने फैंस के शेयर करती रहती है। यही कारण है की वह सोशल मीडिया पर पसंद की जाने वाली अभिनेत्रियों में से एक हैं।
हालही में एक बार फिर मुनमुन दत्ता सोशल मीडिया पर चर्चाओं का विषय बनी हुई है जिसकी वजह है उनका एक बड़ा खुलासा बताते चलें की मुनमुन दत्ता ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की ही जिसकी वहज से वह सोशल मीडिया पर इन दिनों छायी हुई हैं उन्होंने महिलाओं के लिए होने वाली परेशानी की जिक्र करते हुए अपने इस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि, जब मुझे इस तरह के पोस्ट करने पड़ रहे हैं और महिलाओं के साथ होने वाले छे’ड़खानी के मामलों में वैश्विक जागरूकता की आवश्यकता हो चुकी है तो इससे पता चलता है कि यह समस्या कितनी गं’भीर है. मुनमुन दत्ता ने कहा कि अपने आप को अच्छा मर्द कहने वाले महिलाओं की यह संख्या देखकर स्त’ब्ध हो गए होंगे क्योंकि # Mee Too आंदोलन में करोड़ों महिलाएं आ चुकी है।
मुनमुन दत्ता ने लिखा कि इस तरह की बातें लिखते हुए मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं लेकिन ‘जब मैं छोटी थी तब मैं पड़ोस के अंकल और उनकी नजरों से काफी ज्यादा डरती थी. जो कभी भी मौका पाकर मुझे घू’रने लगती और इस बात का एहसास कराते कि मुझे यह बात किसी को नहीं कहनी है.यह वही इंसान था जिसने हॉस्पिटल में मुझे पैदा होते हुए देखा था लेकिन 13 साल बाद उसे लगने लगा कि अब वह शरीर के मेरे अंगों को छू सकता है क्योंकि मेरे शरीर में बदलाव हो चुके थे. उन्होंने कहा कि मेरा एक ऐसे ट्यूशन टीचर से भी सामना हुआ जिसने मेरे अंडर पेंट में हाथ डाला था. एक दूसरा टीचर वह जिसे मैंने राखी बांधी थी लेकिन वह लड़कियों को क्लास में बांधने के लिए ब्रा की स्ट्रीप खींचता था या कभी कबार सजा देने के लिए वह उनके स्तन पर थप्पड़ मारता था।
उन्होंने आगे कहा कि जब ऑडिशन देने की बारी आई तब भी किसी ने इन में कोई कमी नहीं रखी. सबसे अहम बात यह है कि अपने साथ हुई इन बातों को बताने से हम इतने डरते हैं कि हमारे पेट में मरोड़ उठने लगते हैं और हमारा दम घुटने लगता है.यह समाज अपनी घृणित भावनाओं से हमें देखता है और खुद को बचाने के लिए दोषी भी हमें ही ढहराता है. यहां तक कि इस बारे में हम अपने माता-पिता से भी बात नहीं कर सकते क्योंकि वह भी हमें ही गलत समझते हैं।